यूपी के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का लेटेस्ट शासनादेश 2024-25 : Up Outsourcing Karamchari Latest News

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2024 में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और संविदा कर्मियों के हितों की रक्षा और उनके शोषण को समाप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन सरकारी आदेशों का उद्देश्य इन कर्मचारियों को स्थायित्व, वेतन वृद्धि, और अन्य आवश्यक लाभ प्रदान करना है। इस लेख में, हम इन आदेशों के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।

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1. यूपी सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए नई नीतियां

(क) न्यूनतम वेतन का निर्धारण:

फरवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में, यूपी सरकार ने आउटसोर्सिंग और संविदा कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारण की घोषणा की। इसमें सिंचाई विभाग के कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं, जैसे:

  • ट्यूबवेल ड्राइवर
  • सिंचाई पाल
  • जिला सिंचाई पर्यवेक्षक
  • ट्यूबवेल तकनीशियन

इन सभी श्रेणियों के लिए न्यूनतम वेतन नियम एक महीने के भीतर लागू किए जाएंगे। इससे पहले इन कर्मचारियों को कम वेतन मिलता था, लेकिन अब न्यूनतम वेतन 10,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।

(ख) स्वास्थ्य विभाग के लिए अपडेट:

लखनऊ स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत काम कर रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की स्थिति में सुधार के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। अप्रैल 2024 से इन कर्मचारियों का वेतन बढ़ाकर न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। हालांकि, कुछ कर्मचारियों ने इस वृद्धि को अपर्याप्त बताते हुए विरोध किया है।

(ग) नौकरी स्थायित्व और सुरक्षा उपकरण:

सरकार ने कर्मचारियों को उचित सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करने का वादा किया है। साथ ही, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल मिले।

2. नई आउटसोर्सिंग नीति का प्रारूप

यूपी सरकार एक नई आउटसोर्सिंग नीति पर काम कर रही है, जो संविदा कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया, स्थायित्व, और वेतन सुनिश्चित करेगी। इस नीति का उद्देश्य कर्मचारियों को उनके चयन के बाद वजीफा और अन्य लाभ प्रदान करना है।

(क) नियम और प्रक्रिया:

  • इस नीति का मसौदा श्रम विभाग द्वारा तैयार किया गया है।
  • इसे कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
  • यह नीति कर्मचारियों के स्थायित्व और लाभों को सुनिश्चित करेगी।

(ख) नए कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया:

नई आउटसोर्सिंग नीति के तहत भर्ती प्रक्रिया निम्न प्रकार से होगी:

  1. आवेदन यूपी सेवा योजना पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
  2. आवेदन के बाद जिलास्तर और मुख्यालय स्तर पर संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
  3. GeM पोर्टल के माध्यम से सेवा प्रदाता का चयन होगा।
  4. शैक्षिक योग्यता, अनुभव और साक्षात्कार के आधार पर अंतिम चयन किया जाएगा।
यूपी के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का लेटेस्ट शासनादेश 2024-25 : Up Outsourcing Karamchari Latest News

3. वेतन और मानदेय में वृद्धि

सरकार ने वेतन वृद्धि और अन्य लाभों पर भी विचार किया है। स्वास्थ्य विभाग के तहत काम करने वाले लैब तकनीशियन, डिप्लोमा फार्मासिस्ट और ऑटो ऑप्टोमेट्रिस्ट के मानदेय से संबंधित मुद्दों को विभागीय बैठकों में चर्चा के बाद हल किया जाएगा।

(क) एलटीसी सुविधा:

सरकार ने यह भी वादा किया है कि कर्मचारियों को अवकाश लेने की स्थिति में नकद में 10 दिनों की LTC सुविधा प्रदान की जाएगी।

4. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की स्थायित्व प्रक्रिया

(क) स्थायित्व के लिए प्रयास:

सरकार संविदा कर्मचारियों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए काम कर रही है। यह नीति इन कर्मचारियों को नौकरी के स्थायित्व और वजीफा सहित अन्य लाभ प्रदान करेगी।

(ख) आउटसोर्सिंग सेवा निगम की स्थापना:

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए यूपी सरकार ने “आउटसोर्स सेवा निगम” स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह निगम:

  • कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया का प्रबंधन करेगा।
  • वेतन वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
  • कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करेगा।

5. भविष्य की योजनाएं और नई भर्तियां

सरकार ने यह घोषणा की है कि इस वर्ष बड़ी संख्या में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। नई भर्ती प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में की जाएगी:

  1. पहले से कार्यरत कर्मियों को शामिल करते हुए नई भर्तियां की जाएंगी।
  2. सेवा प्रदाता एजेंसियों द्वारा नए पदों की जानकारी प्रदान की जाएगी।
  3. इच्छुक उम्मीदवार शैक्षिक योग्यता और अनुभव के आधार पर आवेदन करेंगे।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है।

  • न्यूनतम वेतन निर्धारण,
  • नौकरी स्थायित्व,
  • सुरक्षा उपकरण,
  • और नई आउटसोर्सिंग नीति जैसे कदम इन कर्मचारियों के हितों की रक्षा करेंगे।

सरकार का उद्देश्य इन कर्मचारियों को एक स्थिर और सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करना है। यह न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि राज्य के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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जय हिंद! जय भारत!

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