आजकल हर कोई अपनी जिंदगी के खास पलों को सोशल मीडिया पर शेयर करना पसंद करता है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि आपके बच्चों की तस्वीरें कहां जा सकती हैं और कौन उनका इस्तेमाल कर सकता है?
तस्वीरें शेयर करना कितना सुरक्षित है?
तकनीकी कंपनियां और AI सिस्टम, इंटरनेट पर मौजूद डेटा को ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं। बड़ी कंपनियां, जैसे Meta और X, अक्सर सार्वजनिक रूप से यह नहीं बतातीं कि वे किस डेटा का उपयोग करती हैं। Lion 5B जैसे डेटा सेट्स में हजारों बच्चों की तस्वीरें मिली हैं, जो वास्तविक लोगों की पहचान तक ले जा सकती हैं।
AI और बच्चों की तस्वीरों का खतरा
AI टेक्नोलॉजी के आने से खतरा और बढ़ गया है। आज, एक सामान्य तस्वीर से फेक न्यूड फोटो बनाना बेहद आसान हो गया है।स्पेन में हाल ही में एक मामला सामने आया जहां एक ऐप ने यह काम किया। ऐसे ऐप्स के कारण खतरा और बढ़ जाता है।
अपराधी और आपकी तस्वीरें
यह चौंकाने वाली बात है कि पेडोफाइल प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद 50% तक तस्वीरें सोशल मीडिया से ली गई होती हैं। इनका इस्तेमाल बच्चों के खिलाफ यौन शोषण सामग्री बनाने के लिए किया जा सकता है। और अगर तस्वीर एक बार इंटरनेट पर आ गई, तो उसे पूरी तरह से हटाना लगभग असंभव हो जाता है।
क्या करें?
सावधानी ही बचाव है।
- अपने अकाउंट्स प्राइवेट करें। सिर्फ भरोसेमंद लोग ही आपकी तस्वीरें देखें।
- तस्वीरें शेयर करते समय चेहरा ब्लर करें या इमोजी का इस्तेमाल करें।
- निजी पलों की तस्वीरें जैसे बाथ टाइम या बच्चों के बिना कपड़ों की तस्वीरें बिल्कुल न डालें।
- बच्चों से अनुमति लें। कई देशों, जैसे जर्मनी में, 8 से 17 साल के बच्चों की तस्वीर पोस्ट करने के लिए उनकी सहमति जरूरी है।
अगर आपको किसी प्लेटफॉर्म पर अपने बच्चे की तस्वीर गलत तरीके से इस्तेमाल होते दिखे, तो Take It Down टूल का उपयोग करें। यह तस्वीर की डिजिटल फिंगरप्रिंट बनाकर उसे हटाने में मदद करता है।
ध्यान रखें: ऑनलाइन पोस्ट की गई तस्वीरें हमेशा के लिए इंटरनेट पर रह सकती हैं। बेहतर यही है कि जितना हो सके, बच्चों की तस्वीरें ऑनलाइन शेयर करने से बचें।
सोच-समझकर कदम उठाएं। क्योंकि उनकी डिजिटल प्राइवेसी, उनकी सुरक्षा से जुड़ी है।